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Essay on Woman Empowerment in Hindi

निबंध- महिला सशक्तिकरण अथवा नारी शक्ति को बल कैसे दें?                  नारी सशक्तिकरण से तात्पर्य 'महिलाएं अपने जीवन के निर्णय स्वयं लेने लगे' क्योंकि महिलाएं समाज के निर्माण का आधार होती है। पितृसत्तात्मक रूपी समाज उनके वंचन का जिम्मेदार है ऐसे में उन्हें सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, राजनीतिक मजबूती प्रदान करने की आवश्यकता है।                        सिंधु सभ्यता से समाज मातृसत्तात्मक था परंतु उसके बाद विदेशियों के आगमन के पश्चात भारतीय समाज कमजोर होने लगा। सत्ता पर पितृसत्ता /विदेशी शक्तियाँ हावी होने लगी। तत्पश्चात महिलाओं का स्तर समाज में गिरता गया।                   उन्हें शिक्षा से वंचित रखा गया जिससे रूढ़िवादी परंपराओं,और मान्यताओं में बांधने में आसानी हुई। पर्दा प्रथा, सती प्रथा, बाल विवाह जैसी अनेक कुरीतियों मे फंसती चली गयी। इसके अलावा राजघराने में जन्मी दहेज प्रथा एक सामाजिक मुद्दा बन गया है। अतः लड़की का जन्म होना बोझ सा होने लगा...

हिस्टीरिया: भूत-प्रेत या बीमारी

हिस्टीरिया   भूत-प्रेत में विश्वास पीढ़ियों से भारत के लोगों के दिमाग में गहराई से जुड़ा हुआ है और यह आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक विकास के युग में अभी भी बना हुआ है। भारत में कई कथित तौर पर भूत से पीड़ित स्थान हैं, जैसे कि जीर्ण इमारतें, शाही मकान, किले, बंगले, घाट आदि। कई फ़िल्मों का निर्माण इसपर किया जा चुका हैं। मुहावरें के रूप में भी इनका प्रयोग होता हैं, जैसे: भूत सवार होना, भूत उतारना, भूत लगना, आदि। भूत प्रेत के ज्यादातर मामले ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिलता है। ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं एवं पुरुषों में देखा जाए तो ऐसे मामले महिलाओं में अधिक देखा जाता है। भूत-प्रेत के मामले अंधविश्वास में अहम रोल निभाते हैं। कई बार इस प्रकार के अंधविश्वास समाज में गंभीर समस्या उत्पन्न कर देते हैं जैसे- 1. एक महिला के अंदर भूत प्रवेश करता है और वह जोर-जोर से कभी चिल्लाती तो कभी हंसती और कभी-कभी गाली गलौज करती है। उसके उपचार के लिए तांत्रिक बुरी तरह से उसे मारते पीटते हैं जिससे कभी-कभी मौत हो जाती है। 2.एक पड़ोसी अपने दूसरे पड़ोसी से भूत प्रेत के चक्कर में लड़ाई कर लेते हैं। यहां तक कि ...