भारतीय कृषि धरती रंगल आवे धानी रंग चुनरिया इहे हउवे भारत मोरा देश हो। सोने का चिरैया इ देशवा कहाला इहे हउवे भारत मोरा देश यह गीत भारत के लहलहाते हरे-भरे खेत को दर्शाता है जो राष्ट्र की उन्नति से आगाह कराता है परंतु क्या वास्तव में भारत की कृषि संतोषजनक है? तो आइए जानते हैं इस बारे में- भारत गांवों में बसता है। भारतीय अर्थव्यवस्था की आत्मा कृषि है - महात्मा गांधी वर्तमान में भारत के 135 करोड़ जनसंख्या का 50% आबादी रोजगार मे प्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है।भारत के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान लगभग 16% है। देश की पूरी आबादी को निवाला देने वाली कृषि जो आज कई समस्याओं से घिरी हुई है। एक किसान दिन-रात कमरतोड़ मेहनत करके किसी तरह अन्न उपजाता है परंतु उसकी स्थिति यह रहती है कि वह कर्ज में डूबा रह...
Indian culture is represented here and India is a huge and diverse country, with many issues at social, economic, political and environmental levels. Along with this, those problems are being presented in front of you.