मानवता की अमूल्य धरोहर है कुंभ तीर्थयात्रियों, कल्पवासियों एवं स्नानार्थियों का संगम है कुंभ यह आस्था का सैलाब व चुम्बकीय शक्ति है जो, विश्व को अपनी ओर खिंचती है। कुंभ को भारतीय संस्कृति का महापर्व और विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला माना जाता है। जहाँ कोई आमंत्रण अपेक्षित नहीं होता है। फिर भी करोड़ो यात्री देश-विदेश से इस पर्व को मनाने के लिए इस पावन संगम पर एकत्र होते है। वैश्विक पटल पर शांति और सामंजस्य का प्रतीक मानते हुए वर्ष 2017 में यूनेस्को ने कुम्भ मेले को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में मान्यता प्रदान की है। कुंभ की गहराई में उतरने के लिए हमें यह समझना होगा कि - दिल लगाना हो तो बनारस जाइएगा। और सुकून पाना हो तो महाकुंभ आइएगा ॥ तो आइए मिलकर लगाते हैं कुम्भ रूपी मेले में डुबकी जहाँ आस्था, आध्यात्म और कहानियों में विलीन होकर सुकून का अनुभव प्राप्त करते हैं। तुम ताजमहल के आगे सेल्फी लेती मैं प्रयागर...
Indian culture is represented here and India is a huge and diverse country, with many issues at social, economic, political and environmental levels. Along with this, those problems are being presented in front of you.