भारत में साँपों की बहुत सी प्रजातियाँ पाई जाती हैं, लेकिन उनमें से केवल कुछ ही विषैले (Poisonous) होते हैं। नीचे मुख्यतः पाए जाने वाले साँपों के प्रकार, उनकी पहचान और ज़हर की जानकारी दी गई है ताकि आप विषैले और गैर-विषैले साँपों में फर्क कर सकें। 🐍 साँपों के मुख्य प्रकार (भारत में) 1. कोबरा (Cobra) – विषैला पहचान: गर्दन पर फन फैलाता है। फन के पीछे "ग्लास के आकार" का चिह्न होता है (❖ या ⚫ के जैसा)। आँखें बड़ी और गोल। ज़हर: न्यूरोटॉक्सिक (मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र पर असर डालता है) लक्षण: साँस लेने में कठिनाई, धुंधला दिखना, पलकें झपकाना बंद होना। 2. क्रेट (Common Krait) – अत्यंत विषैला पहचान: चमकदार काला शरीर, पतला और लंबा। सफेद पतली धारियाँ होती हैं। रात में ज्यादा सक्रिय होता है। ज़हर: न्यूरोटॉक्सिक लक्षण: नींद जैसा एहसास, शरीर सुन्न होना, बोलने में कठिनाई। 3. रसेल वाइपर (Russell’s Viper) – अत्यंत विषैला पहचान: शरीर मोटा और भारी। पूरी पीठ पर “O” जैसे गोल चिह्न। फुफकारने की तेज़ आवाज करता है। ज़हर: हेमोटॉक्सिक (खून पर असर डालता है) लक्षण: खून बहना बंद नहीं होता, शरीर में सूज...
मानवता की अमूल्य धरोहर है कुंभ तीर्थयात्रियों, कल्पवासियों एवं स्नानार्थियों का संगम है कुंभ यह आस्था का सैलाब व चुम्बकीय शक्ति है जो, विश्व को अपनी ओर खिंचती है। कुंभ को भारतीय संस्कृति का महापर्व और विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला माना जाता है। जहाँ कोई आमंत्रण अपेक्षित नहीं होता है। फिर भी करोड़ो यात्री देश-विदेश से इस पर्व को मनाने के लिए इस पावन संगम पर एकत्र होते है। वैश्विक पटल पर शांति और सामंजस्य का प्रतीक मानते हुए वर्ष 2017 में यूनेस्को ने कुम्भ मेले को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में मान्यता प्रदान की है। कुंभ की गहराई में उतरने के लिए हमें यह समझना होगा कि - दिल लगाना हो तो बनारस जाइएगा। और सुकून पाना हो तो महाकुंभ आइएगा ॥ तो आइए मिलकर लगाते हैं कुम्भ रूपी मेले में डुबकी जहाँ आस्था, आध्यात्म और कहानियों में विलीन होकर सुकून का अनुभव प्राप्त करते हैं। तुम ताजमहल के आगे सेल्फी लेती मैं प्रयागर...